वे मात्र 2 नामों कलाम, हमीद की दुहाई देकर दशकों तक जेहादियों का सच छुपाते रहे. मात्र 2 नामों का "नरेटिव" बनाकर आपको मूर्ख बनाते रहे, आप बनते रहे. वही खेल वे दोबारा खेल रहे हैं, लेकिन आप सबक सीखने की बजाए पुनः जाल में फंसकर गाना गा रहे हैं शिकारी आएगा, दाने का लालच देगा, जाल फैलाएगा, जाल में मत फंसना. जाल में फंसकर कबूतरी राग. वे अब सिखों की गौरवशाली गाथाओं की दुहाई देकर "खालिस्तानियों" पर पर्दा डाल रहे हैं. आप बैकफुट पर हैं. आप फिर मूर्ख बन रहे है. आप कब तक सच्चाई से भागते रहेंगे ?? बहुत से मासूम हिन्दुओ की पोस्ट और कमेंट्स…
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