अमृत भोज

*जानिये, क्या होता है "अमृत भोज".!*
अमृत भोज एक बैलेंस्ड भोजन में प्रयोग किये जानी वाली चीजों का प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति है।
एक “आहार मिश्रण” का विवरण दिया जा रहा है। इस मिश्रण को “अमृत भोज” कहा जा सकता है क्योंकि यह अमृत के समान गुणकारी है-
*●●जरूरी सामग्री●●*
*मात्रा*
(1) चना 15 ग्राम
(2) मूंगफली 10 ग्राम
(3) मूंग 8 ग्राम
(4) मोठ 6 ग्राम
(5) मसूर 6 ग्राम
(6) तिल 5 ग्राम
.
इन सबको एक साथ अंकुरित कर लें। यह अंकुरित मिश्रण पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, एंजाइम, वसा आदि से भरपूर होता है।
चाहें तों अदरक को बारीक कतर कर इसमे मिला लें। चाहें तो सलाद की चीजें, जैसे- प्याज, टमाटर, ककड़ी, गाजर, हरा धनिय, हरी मिर्च, चकुंदर, मूली, पत्ता गोभी, पालक के पत्ते और नीम्बू आदि भी मिला सकते हैं।
इन सबको बारीक काट कर अंकुरित अमृत भोज में मिला लें और नीम्बू निचोड़ लें।
पिसा हुआ सेंधा नमक एवं पिसी काली मिर्च बुरक लें और खूब चबा चबा कर खायें।
प्रारम्भ में कुछ दिन इसे पचाने में कठिनाई होगी, क्योकि
कच्चा आहार पहले अंदर आहार प्रणाली की शुद्धि करने और आँतों की कार्य पद्धति में थोड़ा परिवर्तन करने का काम करता है। इसलिये शुरू के 5-6 दिन तक इसके सेवन से पेट में भारीपन का अनुभव हो तो कोई चिंता न करें।
एक सप्ताह बाद हमारी पाचन प्रणाली इस अपक्व कच्चे आहार को पचाने की अभ्यस्त हो जाती है।
इस “अमृत भोज” का सेवन किसी भी आयु वाला, किसी भी ऋतु में, उचित अपनी पाचन शक्ति के अनुकूल मात्रा में कर सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिये तो यह बहुत उपयोगी है।

विशेष नोट:-
यह लेख अपने समय की बहुत प्रमुख आयुर्वेद पत्रिका “निरोगधाम” में वर्ष 1989 में अक्टूबर माह में छपा था, वहीं से यह लेख लिया गया है। इस लेख के मूल लेखक को ही इसका श्रेय जाता है।

निवेदन-
ज्यादा से ज्यादा इसका निरोग जीवन हेतु इसका प्रयोग करें और लोग इसका लाभ उठा सकें तो इसे शेयर करें, अगर आप मानते हैं।

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