अपने बैंक को जानिये

पहले सहारा, उसके बाद PNB और अब Yes Bank. Yes Bank देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक था। हमें यह समझना होगा कि जितना हम राजनीति की चर्चा करते हैं उसका 10% भी यदि हम अर्थव्यवस्था की बातें करें तो सिर्फ हमारी सेविंग ही नहीं बचेगी बल्कि हमें यह भी पता लगेगा कि हमें अपने पैसों का कहाँ सही इंवेसमेन्ट कर के अधिक मुनाफा कमाया जाये। Yes Bank में आपके पैसे डूबने में न ही सरकार और न ही RBI का दोष, सारा दोष आपका है। आपने अधिक इंटरेस्ट के चक्कर में वहाँ पैसे लगा दिए, थोड़ा भी नहीं सोचा कि इतना इंटेरेस्ट वो ला कहाँ से रहा है। सरकार और RBI को तो सब पहले से ही पता था। उसके शेयर का दम लगातार गिर रहे थें, पर आपने उसे नहीं देखा, आपका बैंक किसे पैसा दे रहा है और कितना रिकवर कर रहा है, उससे भी आपको मतलब नहीं। SEBI के नियमों के अनुसार हर बैंक को ये बताना है कि उसने अपना पैसा कहाँ कहाँ लगाया है, पर आ पूछते ही नहीं। बैंकों की प्रदर्शियता लाने के लिए आप सरकार पर दबाब बनाते ही नहीं। आपको तो बस इंटरेस्ट से मतलब है। अब लोग दो तरफ से आपके पैसे डूब रहे हैं, एक तरफ आपकी सेविंग बैंक में फसा है और दूसरी तरफ आपके टैक्स के पैसों से सरकार उस बैंक को उबारेगी। दो तरफा मरो। लोग तो खुश होने में लगे हैं कि सरकार अपना समझे। सरकार क्या पैसे उपजाति है, वो आपके ही टैक्स के पैसे डालेगी न। अब कुछ लोग तो मेरा पोस्ट इसलिए नहीं पढ़ेगें क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका पैसा तो SBI में है उन्हें क्या टेंशन। पिछले ही साल RBI ने SBI को लताड़ा था, क्योंकि उसने अपना घाटा छुपाया था, ये हाल आपके सरकारी बैंक का है। yes bank डूबेगा ये दो महीने पहले से क्लियर था। पर चुनाव से पहले पैनिक स्थिति न आये इसलिए सरकारने उसे बचा कर रखा। और  RBI ने तो सारी हदें पार कर दी, yes बैंक के शेयर के भाव गिरते जा रहे हैं, कोई उसमें पैसा नहीं लगा रहा, वो लोन दिये पैसों को रिकवर नहीं कर पा रहा फिर भी rbi ने उसे डिपॉजिट लेने के लिए allow कर रखा था। अब आप यस बैंक से होली जैसे फेस्टिवल में भी 50 हजार से ज्यादा पैसा नहीं निकाल सकते। आप भारत पाकिस्तान करो, मोदी नीतीश करो। कमायो, बैंकों में रखो और वो आपको जरूरत पड़ने पर वापस नहीं करेगी। इसलिए राजनीति नहीं पैसों की बात करो, जितनी जानकारी एक बैंक एकाउंट खोलने के लिए बैंक आपसे मांगता है, उतना ही जानकारी आप भी बैंक से मांगो। अपने बैंक को जानो, अपने अर्थव्यवस्था को जानो। देश की राजनीति को जानना आपका हक है पर अपने पैसों पर भी नजर रखो। बैंक के प्रदर्शियता की मांग करो। सबसे ज्यादा करप्शन यहीं है। पहले ये लोग फर्जी कंपनीयां खोकते हैं और उसके नाम से ढेर सारे पैसे निकाल कर कुछ पोलटिसिसन को देते हैं और कुछ खुद खाते हैं, और बाद में बैंक दिवालिया हो जाता है तो आपके टैक्स के पैसों से उसकी भरपाई होती है और तब तक आपके पैसों को वो देने से इनकार कर देते हैं, बस एक जबाब देते हों, आपका पैसा डूबा नहीं है, सरकार सबको देगी। अब इंटेरेस्ट तो छोड़ो उनका जितना पैसा है वही मिल जाये तो बहुत है, यही सोचते हैं, और अपना इंटेरेस्ट भी छोड़ देते हैं। #ASKAzad

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