इस रोग में चमडी मोटी होने लगती है और उस पर खुरंड और पपडियां उत्पन्न हो जाती हैं। ये पपडिया सफ़ेद चमकीली हो सकती हैं। इस रोग के भयानक रुप में पूरा शरीर मोटी लाल रंग की पपडीदार चमडी से ढक जाता है। यह रोग अधिकतर केहुनी,घुटनों और खोपडी पर होता है। यह रोग वैसे तो किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन देखने में ऐसा आया है कि १० वर्ष से कम आयु में यह रोग बहुत कम होता है। १५ से ४० की उम्र वालों में यह रोग ज्यादा प्रचलित है। यह रोग आनुवांशिक भी होता है जो पीढी दर पीढी चलता रहता है। 1◆ बादाम १० नग का पावडर बनाले। इसे पानी में उबालें। यह दवा सोरियासिस रोग की…
Social Plugin