*आयुर्वेद शास्त्र में छाछ की तुलना अमृत के साथ की है. शरीर के भीतर के घातक पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकालकर फेंकने की ताकत छाछ (तक्र) में है. शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को बढ़ाने की ताकत इसमें है. छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर बलवान होता है.* *इसमें एक अति महत्व की बात है कि 3 दिन पूर्ण रूप से दूसरा कुछ भी बिना खाए केवल छाछ पर रहने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है. अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप हो जाता है. शरीर से अनावश्यक चर्बी झड़ जाती है. इतना ही नहीं चेहरे के ऊपर अच्छा तेज आजाता है और काले दाग निकल जाते हैं. चेहरा तेजपुंज फुर्त…
*एक बार राजा भोज के दरबार में एक सवाल उठा कि ऐसा कौन सा कुआं है जिसमें गिरने के बाद आदमी बाहर नहीं निकल पाता?* *इस प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे पाया। आखिर में राजा भोज ने राज पंडित से कहा कि इस प्रश्न का उत्तर सात दिनों के अंदर लेकर आओ, वरना आपको अभी तक जो इनाम धन आदि दिया गया है,वापस ले लिए जायेंगे तथा इस नगरी को छोड़कर दूसरी जगह जाना होगा।* *छः दिन बीत चुके थे।राज पंडित को जबाव नहीं मिला था।निराश होकर वह जंगल की तरफ गया। वहां उसकी भेंट एक गड़रिए से हुई। गड़रिए ने पूछा आप तो राजपंडित हैं, राजा के दुलारे हो फिर चेहरे पर इतनी उदासी क्यों?* *यह ग…
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