सोंठ के लड्डू

*जच्चा बच्चा, बुजुर्गों औऱ सर्दियों का साथी*
*सोंठ के लड्डू*

सोंठ के लड्डू पारम्परिक लड्डू हैं जो जच्चा को डिलीवरी के बाद खिलाये जाये हैं। इसके अलावा सोंठ के लड्डू सर्दी के मौसम में व कमर दर्द से आराम पाने के लिये भी खाये जाते हैं।

*आवश्यक सामग्री -*

👉 सोंठ (Ginger powder) - 1/3 कप (25 ग्राम)
👉 गुड़ - 1. 25 कप (250 ग्राम)
👉 सूखा पका नारियल - 1 कप कद्दूकस किया हुआ (50 ग्राम)
👉 गेहूं का आटा- 3/4 कप (100 ग्राम)
👉 गाय का देशी घी - 1/2 कप (125 ग्राम)
👉 मामरा बादाम - 1/4 कप (35 ग्राम)
👉 अखरोट 25 ग्राम
👉 काजू 25 ग्राम
👉गोंद - 1/4 कप (50 ग्राम)
👉 पिस्ते - 10-12
👉 सफेद तिल 50 ग्राम
👉 चिरौंजी 20 ग्राम
👉 किशमिश 20 ग्राम
*अगर जच्चा हो तो साथ में...*
👉 कमरकस 10 ग्राम
👉 सतावरी 10 ग्राम
👉 हल्दी 10 ग्राम
*ज्यादा बनाने के लिए अनुपात बढ़ा दें।*

*लड्डू बनाने की विधि -*

गोंद को छोटे टुकड़े तोड़ कर तैयार कर लीजिये।
छिले हुये बादाम मिक्सर में डालकर पीस लीजिये।
पिस्ते को पतला पतला काट लीजिये।
अखरोट को भी।

कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये, थोड़ा घी बचा लीजिये, घी को मीडियम गरम कीजिये और गोंद को धींमी गैस पर भून लीजिये, गोंद फूल कर चार गुने आकार में हो जाता है, भुने गोंद को अलग प्लेट में निकाल लीजिये।
बचे हुये घी में आटा डालिये और लगातार चलाते हुये मीडियम और धीमी आग पर ब्राउन होने तक भून लीजिये। भुने आटे को अलग प्लेट में निकाल कर रख लीजिये।

कढ़ाई में 2 चम्मच घी डालिये और पिघलने दीजिये, सोंठ को घी में डालिये और धीमी आग पर हल्का सा एक से डेढ़ मिनिट तक भून लीजिये, भुनी सोंठ को भुने आटे वाली प्लेट में ही निकाल लीजिये। भुना गोंद ठंडा होने पर उसे प्लेट में ही बेलन की सहायता से पीस लीजिये।

कढ़ाई में बारीक तोड़ा हुआ गुड़ डालिये और धीमी आग पर गुड़ को पिघलने दीजिये।
गुड़ पिघलने पर गैस बन्द कर दीजिये, पिघले गुड़ में आटा, सोंठ, गोंद, बादाम पाउडर, नारियल और पिस्ते डालकर सारी चीजें को अच्छी तरह मिलने तक मिला दीजिये, अब कढ़ाई को गैस से उतार लीजिये, हल्के गरम में ही मिश्रण से लड्डू बांध लीजिये। 

थोड़ा सा मिश्रण हाथ में उठाइये, और दबा दबा कर गोल लड्डू बना लीजिये, सोंठ के लड्डू हैं, इन्हें थोड़े छोटे ही बनाइये, सारे मिश्रण से इसी तरह लड्डू बना कर तैयार कर लीजिये, इतने मिश्रण से करीब 20-22 लड्डू बनकर तैयार हो जायेंगे।
लड्डू को 2-3 घंटे तक खुले हवा में छोड़ दीजिये, लड्डू खुश्क हो जायेगे, लड्डू को कन्टेनर में भर कर रख लीजिये, और 2-3 महिने तक खाते रहिये।

*सुझाव:*

सोंठ के लड्डू मावा डालकर बनाये जाते हैं, लेकिन मावा मिलाकर बनाये गये लड्डू की शैल्फ लाइफ थोड़ी कम होती है।

गुड़ की जगह पिसी चीनी, तगार या बूरा डालकर भी बना सकते हैं, मीठा अपने पसन्द के अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं।

लड्डू में मेवा अपनी पसन्द के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं, जो मेवा आप पसन्द करते हैं वह ले सकते हैं, जो मेवा पसन्द न हो उसे हटा सकते हैं।

पूरी सर्दी फुर्र हो जायेगी और जच्चा के शरीर की इम्युनिटी बढ़ जायेगी जिससे बच्चा को सीजनल समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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