पोषक तत्वों से भरपूर खजूर

खजूर में 60 से 70℅ तक शर्करा होती है, जो गन्ने की चीनी की अपेक्षा बहुत पौष्टिक व गुणकारी वस्तु है।

खाने में तो खजूर बहुत स्वादिष्ट होती ही है, सेहत की दृष्टि से भी यह बहुत गुणकारी है।
इसके अलावा विभिन्न बीमारियों में भी खजूर का सेवन बहुत लाभ पहुंचाता है।

*खजूर के गुणों पर एक नजर:*
*कमजोरी :*
खजूर 200 ग्राम,
चिलगोजा गिरी 60 ग्राम,
बादाम गिरी 60 ग्राम,
काले चनों का चूर्ण 240 ग्राम,
गाय का घी 500 ग्राम,
दूध दो लीटर और चीनी या गुड़ 500 ग्राम।
इन सबका पाक बनाकर 50 ग्राम प्रतिदिन गाय के दूध के साथ खाने से हर प्रकार की शारीरिक वं मानसिक कमजोरी दूर होती है।

*बिस्तर पर पेशाब :*
छुहारे खाने से पेशाब का रोग दूर होता है।
बुढ़ापे में पेशाब बार-बार आता हो तो दिन में दो छुहारे खाने से लाभ होगा।
छुहारे वाला दूध भी लाभकारी है।
यदि बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता हो तो उसे भी रात को छुहारे वाला दूध पिलाएं। यह मसानों को शक्ति पहुंचाते हैं।

*मासिक धर्म :*
छुहारे खाने से मासिक धर्म खुलकर आता है और कमर दर्द में भी लाभ होता है।

*दांतों का गलना :*
छुहारे खाकर गर्म दूध पीने से कैलशियम की कमी से होने वाले रोग, जैसे दांतों की कमजोरी, हड्डियों का गलना इत्यादि रूक जाते हैं।

*रक्तचाप :*
कम रक्तचाप वाले रोगी 3-4 खजूर गर्म पानी में धोकर गुठली निकाल दें।
इन्हें गाय के गर्म दूध के साथ उबाल लें।
उबले हुए दूध को सुबह-शाम पीएं।
कुछ ही दिनों में कम रक्तचाप से छुटकारा मिल जायेगी।

*कब्ज :*
सुबह-शाम तीन छुहारे खाकर बाद में गर्म पानी पीने से कब्ज दूर होती है।
खजूर का अचार भोजन के साथ खाया जाए तो अजीर्ण रोग नहीं होता तथा मुंह का स्वाद भी ठीक रहता है।
खजूर का अचार बनाने की विधि थोड़ी कठिन है, इसलिए बना-बनाया अचार ही ले लेना चाहिए।

*मधुमेह :*
मधुनेह के रोगी जिनके लिए मिठाई, चीनी इत्यादि वर्जित है, सीमित मात्रा में खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खजूर में वह अवगुण नहीं है, जो गन्ने वाली चीनी में पाए जाते हैं।

*पुराने घाव :*
पुराने घावों के लिए खजूर की गुठली को जलाकर भस्म बना लें।
घावों पर इस भस्म को लगाने से घाव भर जाते हैं।

*आंखों के रोग :*
खजूर की गुठली का सुरमा आंखों में डालने से आंखों के रोग दूर होते हैं।

*खांसी :*
छुहारे को घी में भूनकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से खांसी और बलगम में राहत मिलती है।

*जुएं :*
खजूर की गुठली को पानी में घिसकर सिर पर लगाने से सिर की जुएं मर जाती हैं।

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