पैकिंग के गेहूं आटा के सेहत एवं इम्यून को बेहद नुकसान

• आप में से कई मित्रों ने पैकिंग का आटा इस कोरोना काल में सेवन शुरू किया है। 
• इसके आपके एवं आपके परिवार को जिनकी उम्र 50 या अधिक या घर के छोटे बच्चो 01 से 09 साल के जीवन को काफी खतरा है।
आइए समझते हैं। 🤗
• पैकिंग के आटे में हलका एवं  मिल क्वालिटी का गेहूं साफ कर के पिसा जाता है - जिसमें आटे के सम्पूर्ण पोषक तत्व खतम हो जाते है।
• इस निम्न श्रेणी के गेहूं को साफ करने में अनेक केमिकल का उपयोग जैसे - मैलाथियान का उपयोग करता है। यह एवं अन्य रसायन आपका शरीर कमजोर करता है।
• गेहूं पीसने के बाद 12 से 15 दिन बाद आटे में फनग्स आते है ।
जिनके बचाने के  - जहरीले रसायनों (पेस्टीसाइड्स) का मिश्रण किया जाता है। जिससे पैकिंग का आटा 3 माह के लिए चल जाता हैं । ये रसायन (जहर) आपके शरीर के किंडनी एवं लीवर पर बुरा असर डालता हैं।
• गरम पैकिंग का आटा प्लास्टिक की थैलियों में पैक होता है। जिससे आपको 4 प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता हैं।
• आपके शरीर में  पैकिंग आटा में पूरे तत्व नहीं जाने से आपका शरीर कमजोर एवं उच्च रक्तचाप की वजह बन जाता है।
• कुल मिलाकर हम अपने शरीर के साथ नुकसान कर रहे है एवं पैकिंग के आटे द्वारा अपने इम्यून सिस्टम को कमजोर कर रहे हैं - जिससे कोरॉना से लडने में हम कमजोर पड सकते है।
ताजा आटा खाए - अपनी पुरानी पद्धति आटा चक्की का घर में रखे गेहूं द्वारा सेवन करें। अपना एवं परिवार का इम्यून अच्छा रखे साथ ही स्वस्थ रहे। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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