होलिका दहन क्या नारियों का अपमान है ?

कुछ सडयंत्रों को इतना ज्यादा प्रचारित किया जाता है कि बिना उसका जबाब दिये रहा नहीं जाता। कुछ लोग होलिका दहन को महिलाओं का अपमान कह कर होली को न मनाने की बातें कर रहे है। ये हिन्दू धर्म का अपमान करना, लोगों को बरगलाना इससे ज्यादा कुछ और नहीं है। होलिका को किसने जलाया था? क्या उसने खुद को आग नहीं लगाया था? एक ऐसी औरत जो एक मासूम बच्चे को जलाने का सड़यंत्र की थी, उसका समर्थन? हैरत करने वाली बात है ये। तब तो ओसामा को मारना भी पुरुषों का अपमान है, तब तो निर्भया के अपराधी को फांसी देना भी पुरुषों का अपमान है? पहले हिन्दू-मुस्लिम को लड़ा कर देश को बांटा गया, जात-पात में बांट कर देश को तोड़ा गया, भीम सेना बनी, अम्बेडकर नामक धर्म बना, और अब जब इससे भी देश न टूटा तो महिला-पुरुष को बांटने की कोशिश की जा रही है। एक और ऐसे वर्ग को टारगेट किया जा रहा है जो भावनायों से काम लेती है, उसके भावनायों को ठेस पहुंचा कर दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है। ये हर कोई जानता है कि शिव बिना शक्ति के मात्र शव है। स्त्री ही शक्ति है, जिस शक्ति के दम पर हमारी सेना लड़ती है, उसे तोड़ने और बांटने की कोशिश हो रही है। लोगों से आग्रह है कि ऐसे सडयंत्रों पर ध्यान न दें और एकजुट रहें। #ASKAzad

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