दिल्ली दंगें का असली दोषी कौन?

अब नए दलील सुनिए। दंगे में मुस्लिम ज्यादा मरें इसलिए मुस्लिम दोषी नहीं है। कुछ देर बाद ये कहेंगें भारत के तो बस 42 जवान मरें थें बदले में 500 पाकिस्तानी आतंवादी मर गए एयर स्ट्राइक में, इसलिए दोषी भारत है। ऐसे जाहिल जाहिल समझा रहें हैं कि CAA से मुस्लिमों को क्या दिक्कत है? और कुछ हिन्दू उनलोगों के इन दलीलों को सुनते भी हैं। मेव मुस्लिम दोस्तों की कमी नहीं है और न ही मैंने कम लोगों से बात की है। मैंने भी बहुत सुना है और इनलोगों को समझाने की कोशिश की है। अभी भी कुछ बुद्धिजीवी मानते हैं कि सरकार का फेलुयर रहा है कि वो मुस्लिम समाज को विश्वास में नहीं ले पाया और उन्हें CAA अच्छे से समझा नहीं पाया। CAA के बारे में किसी को पता हो या न हो एक एक मुस्लिम को अच्छे से पता है ये क्या है, इनके मौलवी इन्हें सब बताते हैं, रोज शाम को भाषण चलता है। और वैसे भी सरकार कुछ भी बता दे ये मानेंगें सिर्फ उन मौलवियों का कहना ही। इसलिए मुस्लिमों को समझने में अपना खून न जलायें, सिर्फ एक लाइन में कहें ये देश के संसद द्वारा पारित कानून, और ये मानना ही पड़ेगा। यदि मुस्लिम देश के कानून को नहीं मानेगा तो कोई भी किसी कानून को नहीं मानेगा। पहले देह का हर नागरिक अनावश्यक मुस्लिमों के प्रति सहानभूति रखना बंद करे। हैम किसी मुस्लिम आतंवादी को भटका हुआ नौजवान क्यों बोलते हैं? जबकि वो वेल ट्रेंड,मौलवियों द्वारा शिक्षित, कुरान का ज्ञान रखने वाला जेहादी होता है। मैं मुस्लिम या इस्लाम का विरोध करने को नहीं कहता पर बुराई का विरोध करने में नारामता न दिखायो, ये और ज्यादा बुराई को बढ़ाता है।
ये जानना चाहते हो कि दंगों में मुस्लिम ज्यादा क्यों मरें? तो सुनो जिसके पास बम बारूद ज्यादा होता है उसी के मरने के चांसेस ज्यादा होती है। लड़ाई में वही मरता है जो लड़ने जाता है। इससे भी बड़ा सच सुनो जो मैं चीख चीख कर कह रहा था कि तुम्हारे मौलवी दूध के धुले नहीं होते हैं वो पैसों के लिए तुम्हें गलत ज्ञान देते हैं। मैनें कब से कहा था कि ये विदेशी सड़यंत्र है, आखिर2-3 महीनों तक प्रोटेस्ट करने के लिए पैसे कहाँ से आ रहा है? जब ट्रम्प देश में थें तो देश की हालत बिगाड़ना पाकिस्तान का मकसद था, मुसलमानों को भड़काना था इसलिए इसलिए उनलोगों ने मुसलमानों को मरवाये। इस सड़यंत्र को कब समझोगे। सरकार को उकसाया गया, पोलिश वालों को टारगेट किया गया ताकि पुलिश गुस्से में आ कर एक्शन ले। लोगों ने सोचा था कि अमित शाह और मोदी जैसा कड़क आदमी इससे गुस्सा हो कर सारे मुसलमानों को मारन शुरू कर देगा, इससे देश में गृह युद्ध छिड़ेगा, देश कमजोर होगा और इस दंगें के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहरा कर चुनाव में उसे हराया जायेगा। पर वो भूल गयें कि भारत को सिर्फ एक इंसान नहीं चलाता। वो भूल गयें की मोदी के नीचे ढेर सर्व ब्यूरोक्रेट्स और गुप्तचर एजेंसी है और मोदी मूर्ख नहीं है। तुम्हें पता ही नहीं है कि मोदी की राजनीतिक सोच कितनी आगे की होती है। वो पाकिस्तान को एक बार सजिर्कल स्ट्राइक तो  दूसरी बार एयर स्ट्राइक कर के मारता है। और इसके विरोधी सोचते हैं कि मोदी हर बार 2002 ही दोहरायेगा। उस वक़्त उसे वो तरीका बढ़िया लगा था, अब वो कुछ न कर के भी बहुत कुछ कर जाता है। जैसे दिल्ली जानबूझ कर हार कर सारा दोष आप पर थोप दिया। अब उसके नेता जेल जायेंगे। और ये कोई राजनीतिक बदला नहीं है, सबके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, और कई तो अपना गुनाह मान कर बैठा है। #

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