देश के खिलाफ एक बहुत बड़ा सड़यंत्र चल रहा है कृपया इसपर ध्यान दें। क्या आपको पता है, लाल बहादुर शास्त्री जी को किसने और क्यों मरवाया? सिर्फ इसलिए क्योंकि वो एक ताकतवर प्रधानमंत्री थें और भारत को परमाणु हथियारों से सम्पन्न बनाना चाहते थें। ये संभावना कि जाती है कि इसमें अमेरिका USA की खुफिया एजेंसी CIA का इसमें हाथ था। ये तो आपको पता ही होगा कि सोवियत संघ को किसने तोड़ा? और अभी भारत को तोड़ने में कौन लगा है, कृपया इन विदेशी षड्यंत्रों में न आयें, सरकार के कामों का विरोध करते करते देश का विरोध न करने लगें। CAA जिसका विरोध करने का कोई कारण नहीं है, उसपर विरोध होना, इतने समय से अनावश्यक विरोध का चलना, जिसका कोई भविष्य ही नहीं है, जो सरकार जो काम करने हेतु चुनकर आई, उसी काम को करने के बाद विरोध, और विरोध के लिए पैसे आ कहाँ से रहे हैं? इसे समझदार युवा समझें और दूसरों को बतायें। विदेशी मीडिया द्वारा इनको हाईलाइट करना, ये बस विदेशी चाल है BBC HINDI की हरकतें आप 370 हटने पर देख चुके हैं कि कैसे उसने फेक न्यूज़ फैलाई थी, फिर भी भारत की जनता ऊनी चुनी सरकार से ज्यादा विदेशी लोगों पर विश्वास कर रहें हैं, ये दुर्भाग्य है। हमें तो बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई का ठीकरा भी विदेशी लोगों पर थोपने चाहिए और हर विदेशी चीजों का बहिष्कार करना चाहिए, अपने सबसे निकट बनने वाले वस्तुयों का ही इस्तेमाल करना चाहिये। जब स्वदेशी का प्रचार करने के लिए ये लोग राजीव दीक्षित को मरवा सकते हैं तो Make In India के लिए मोदी को क्यों नहीं? यदि आपको अपने चुने नेता पर विश्वास ही नहीं तो चुनते ही क्यों हो? ये तोड़ फोड़ करने के लिए? यदि ये व्यवस्था आपको सही नेता नहीं दे पाती तो इस व्यवस्था का विरोध करो, संविधान का विरोध करो, नए संविधान की रचना करो, पर जो करो उसपर विश्वास दिखायो, और सबसे बड़ी चीज, समाज मे साथ रहना है तो दूसरों के इक्षायों का सम्मान करना सीखो। NDTV में रवीश को मैक्सिसेस आवर्ड, ये बस एक विदेशी षड्यंत्र है इसे समझें। नोबल विजेता अमर्त्य सेन का सरकार के खिलाफ बोलना, क्या सच में देश इतनी बुरी स्थिति में है? या इसे बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है? ये सोचने की जरूरत है और यदि आप नहीं सोच पर रहें तो शांति से घर पर बैठिये, क्योंकि गलती से आप ऐसा न कुछ कर दें जिसपर आपको पक्षतान पड़े। करो जरूर, पर 100 बार सोचने और 1000 बार उसे क्रोशचेक करने के बाद। सारे विचारकों को अभी ही ध्यान आया सरकार के खिलाफ बोलने का, ये वो हैं जो बिना पैसे का नाचती तक नहीं, जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ दीपिका का। क्या आप मानते हैं कि विदेशों से उसे पैसे नहीं मिली होगी? तो फिर छोटी बच्चियों से बलात्कार, बच्चों की बीमारियों से मौतें, इसपर भी देवी जी का ममत्व नहीं जागा? JNU में ऐसा क्या हुआ था जो मैडम वहाँ पहुँच गईं? ध्यान रहे, जो आपका सबसे ज्यादा पंसन्दीदा एक्टर, एक्ट्रेस इत्यादि होतें हैं, जो पैसे से बिक सकते हैं उन्हीं को ज्यादा विज्ञापन मिलते हैं। इसीलिए JNU दीपिका ही गई। अभी टॉप अभिनेत्री कौन है?
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