ओशो यानि रजनीश का सच


Monday, 28 January 2013 13:14  Written by KB News
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पुणे। (जगदीश जोशी ’प्रचंड’)  संभोग से लेकर समाधि तक’ किताब से मशहूर और अपनी ओजस्वी वाणी से अपने भक्तों के बीच भगवान कहलाने वाले रजनीश को लेकर उनकी शिष्या और प्रेमिका माँ आनंद ने शिला ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं
ओशो के आश्रम से पचपन मिलियन डालर का घपला करने के बाद तीन वर्ष से अधिक जेल में रही माँ आनंद शिला ने अपनी किताब डोंट किल हिम! ए मेम्बर बाई माँ आनंद ने अपने गुरू रजनीश से जुड़े हुये कुछ अनछुए पहलुओं को सामने लाया हैं जिसमें लिखा हैं कि ओशो के आश्रम में आध्यात्म के नाम पर ढोंग होता था और आश्रम में सैक्स की मंडी सजती थी। आश्रम के शिविरों में अधिकांश समय चर्चा का विषय भी सैक्स पर होता था चर्चा में भगवान ओशो अपने भक्तों को बताते थे कि सैक्स की इच्छा को दबाना कई कष्टों का कारण है, इसलिए सैक्स की इच्छा को नहीं दबाना चाहिए ओशो सैक्स को बिना किसी निर्णय के स्वीकार करने के लिए कहते थे अपने भगवान के उपदेशो को मानकर शिष्य बिना किसी षर्म और नैतिक दबाव के आश्रम में सैक्स करते थे ओशो का हर शिष्य सन्यासी एक महिने में करीब 90 लोगों के साथ सैक्स करता था किताब के अनुसार ओषो का बिजनेस करने का फंडा भी अनोखा था बनाये गये सिस्टम से आश्रम के हर हिस्से से आमदनी होती थी प्रवचन सुनने के लिए आश्रम प्रवेश षुल्क लगता था और भी कई व्यवस्थाओं पर मंहगा निर्धारित षुल्क तय था हर दिन आश्रम में नये तरीकों से दान दिया जाता था भगवान रजनीश से सन्यासी इतने प्रभावित थे कि वे अपनी परवाह किये बिना आश्रम के कार्यों को करते थे आश्रम के चारों तरफ गंदगी का माहौल था इसके बावजूद भगवान लगातार अपने भक्तों को सैक्स की इच्छा दबाने के विरूद्ध उपदेश देते थे शिला ने खुलासा किया कि पूरे समय काम करने के बावजूद सन्यासी सैक्स के लिए उत्तेजित रहते थे एक दिन मैंने एक सन्यासी से इस बारें में पुछा तो उसने मुझे बताया कि वो हर तीन अलग-अलग महिलाओं के साथ सैक्स करता हैं भगवान ओशो के मन मुताबिक और काफी अच्छा होने के बावजूद वे खुश नहीं थे एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें एक महिने में तीस नई राॅल्स रायस गाडि़या चाहिए जबकि उनके पास 96 नई राॅल्स रायल कारें थी वो सिर्फ अपनी बोरियत मिटाने के लिए नई गाडि़या चाहते थे। भगवान ओशो ने मुझे इस रकम को इकट्ठा करने के लिए 50-60 लोगों के नाम की लिस्ट दी जो काफी धनी थे माँ आनंद शीला ने दावा किया है कि ओशो साधारण आदमी थे उनमें भी मानवीय कमियां थी वे सैक्स को समाधि की तरफ ले जाने वाला मार्ग बताते थे शिला ने लिखा है कि 1978 में एक दिन भारी बरसात हो रहीं थी भगवान ने उन्हें तुरंत अपने पास आने को कहा उस दिन भगवान का मुड़ खराब था उनके एक मात्र विवाहित शिष्या विवेक से उनका झगड़ा हो गया था झगड़ें का कारण ओशोका अन्य महिलाओं के साथ सैक्स करने को लेकर था वह भगवान रजनीश पर अपना एकाधिकार मानती थी एक बार तो उसने बगैर गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन किये बिना सैक्स किया और गर्भवती हो गयी इससे आश्रम में तुफान मच गया क्यांेकि कोई यह बर्दाष्त नहीं कर सकता था कि ओशो संतान को जन्म दे आश्रम में  एक जाना-माना गाइनोलाजिस्ट था उसकी मदद से विवेक का गर्भपात किया गया ओशो विवेक से इतना नाराज थे कि उन्होंने किसी भी हाल में विवेक से छुटकारा दिलाने के लिए कहा लेकिन दो घंटे बाद ही भगवान का संदेश आया कि विवेक ने उनसे माफी मांग ली हैं। इधर माँ आनंद शीला की इस सनसनीखेज खुलासे से एक बार फिर भगवान रजनीश को लेकर कई सवाल खड़े हो गये हैं वहीं ओशो के समर्थक का कहना है कि शीला द्वारा ओशो पर लगाये गये आरोप गलत हैं और इतने साल बाद इस तरह की बात उठाने के पीछे शिला का मकसद क्या हैं।

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