इतिहास गवाह है

*हिन्दू ने कभी हिन्दू का साथ नहीं दिया, तो बेचारा  मोदी अकेले* क्या करेगा

क्या कारण था *मोहम्मद गोरी से अकेले पृथ्वीराज चौहान* ने ही युद्ध किया बाकी *पड़ोसी हिन्दू राजा* क्या कर रहे थे..?

क्या कारण था
*अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा* ले रहे थे बाकी पूरे भारत के राजा कहाँ थे.?

क्या कारण था
*महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खां और ओरगंजेब से युद्ध लड* रहे थे,
बाकी के हिन्दू राजा….?

*जब हिंदुओं की आपसी फूट और घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को कभी एकमत और एक साथ नहीं होने दिया तो बेचारे अकेला मोदी क्या कर लेंगे सभी देशद्रोही मिलकर इसे भी गिरा ही देंगे*

*हमारा देश सैकड़ों-हज़ारों साल से विदेशी आक्रमणों* को झेल रहा है।

कभी हम *सनातनी (हिंदु) पूरे विश्व पर फैले* थे।

आज इसी आपसी फूट के कारण *भारत में भी अस्तित्व की लड़ाई लड़* रहे हैं।

ये आखिरी मौका है। फिर कोई *नरेन्द्र मोदी जेसा हिंदुवादी शासक* नहीं मिलेगा।

मन की हल्दीघाटी में,
राणा के भाले डोले हैं,

यूँ लगता है चीख चीख कर,
वीर शिवाजी बोले हैं,

पुरखों का बलिदान, घास की,
रोटी भी शर्मिंदा है,

कटी जंग में सांगा की,
बोटी बोटी शर्मिंदा है,

खुद अपनी पहचान मिटा दी,
कायर भूखे पेटों ने,

सिर पर लानत वाली छत से,
खुला ठिकाना अच्छा था,

मथुरा अवधपुरी घायल है,
काशी घिरी कराहों से,

यदुकुल गठबंधन कर बैठा,
कातिल नादिरशाहों से,

कुछ वोटों की खातिर लज्जा,
आई नही निठल्लों को,

कड़ा-कलावा और जनेऊ,
बेंच दिया कठमुल्लों को,

मुख से आह तलक न निकली,
धर्म ध्वजा के फटने पर,

कब तुमने आंसू छलकाए,
गौ माता के कटने पर,

जागे नही अगर हम तो ये,
प्रश्न पीढियां पूछेंगी,

बोलेंगी हे आर्यपुत्र,
अंतिम उद्धार किया होता,

सोते रहो सनातन वालों,
तुम सत्ता की गोदी में,

Post a Comment

0 Comments