हिन्दु वीरों आंखे खोलो करनी अब तैयारी है।
देश और धर्म की रक्षा की अब अपनी बारी है।।
हिंदु और हिंदुत्व पर देखो काले बादल छाए हैं।
देशधर्म और संस्कृति पे दुश्मन नजर बिछाए हैं।।
देख हिन्द के घर औ बाहर गद्दारों का डेरा है।
सावधान रहना होगा हर तरफ चोर लुटेरा है।।
सदियों से हैं हम बंटे रहे होना साथ जरुरी है।
जातिवाद के कीचड़ से उठना आज जरुरी है।।
अपनी भारत थी अखंड दुष्टों ने की इसे खंड।
हम आपस में बंटे रहे जातियता का ले घमंड।।
सदियों से हम जुर्म सहे भारी अत्याचार हुआ।
धर्म और आस्था पे वार हुआ खिलवाड़ हुआ।।
मुगल तुर्क चंगेजो के कुकृत्य नहीं हम भुले हैं।
कामी अलाउद्दीन की घिन्न कृत्य ना भुले हैं।।
चौहह हजार विरांगनाऐं पद्मिनी ना भुला हूं।
कुद गई वो अग्निकुंड में दर्द नहीं मैं भुला हूं।।
कैसे भूलूं औरंगजेब संभाजी को तडफाया था।
कैसे भूलं मैं टीपु को जो नरसंहार मचाया था।।
कैसे भूलूं मैं शाहजहां की क्रुर शैताानी को।
चौदह साल की कन्या से हुई क्रुर हैवानी को।।
कैसे भूलूं बाबर को जिसने भारी पाप किया।
श्रीराम के मंदिर पर नाम बाबरी लाद दिया।।
भुले नहीं सिकन्दर को नगरकोट के मंजर को।
खंडित मुर्ति मां दुर्गा की सने खूं से खंजर को।।
संयोगिता की कुर्बानी चिश्ती की वो हैवानी।
गुरु गोविन्द के बेटे से की उसने जो शैतानी।।
मासुम फतेह जोरावर को दिवार में चुनवाया।
बंदा वैरागी को गर्म लोहे से चमडी जलवाया।।
अकबर दुष्ट दरिंदे ने जाने कितना जुर्म किया।
हिन्दुस्तान के लोगों पर जीते जी जुल्म किया।।
क्या कारण था मुट्ठी भर शैतानों ने राज किया।
पृथ्वीराज राणाप्रताप को ना सबने साथ दिया।।
जब भी हमने हारा है घर के दुश्मन से हारे हैं।
वरना औकात कहां किसमें जयचंदो से हारे हैं।।
आज वही पल फिर आया है सावधान रहना।
काश्मीर को देख लिए देख लिए तुम कैराना।।
पर हिन्दुत्व है आज भी जिन्दा सदा रहेगा।
हिन्दुत्व ना झुका कभी आगे भी नहीं झुकेगा।।
कहो सब हिन्दू मिलकर मिट गए मिटाने वाले।
भरत वंश की माटी पर द्रोह रचाने वाले।।
देशधर्म निजधर्म की रक्षा जन्मों जन्म करेंगे।
शपथ हमें इस देवभूमी की रक्षा सदा करेंगे।
🚩 *जय महाकाल*🚩
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